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प्रचार में धार्मिक प्रतीकों के इस्तेमाल पर पीएम मोदी के ख़िलाफ़ याचिका, छह साल बैन की माँग

 16 Apr 2024

लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ है। पीएम मोदी तूफानी तरीके से प्रचार कर रहे हैं और बीजेपी की जीत के लिए पूरे देश में हर दिन जनसभाएं कर रहे हैं।  इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर हुई है। यह याचिका आनंद एस जोंधले नाम के एक वकील ने दायर की है। इस याचिका में प्रधानमंत्री पर लोकसभा चुनावों में कथित तौर पर "भगवान और पूजा स्थल" के नाम पर वोट मांगकर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगा है। इस याचिका में मांग की गई है कि पीएम मोदी को 6 साल के लिए चुनाव से बैन कर दिया जाए।



याचिका में क्या लिखा है


दिल्ली हाई कोर्ट में दायर इस याचिका में कहा गया है कि पीएम मोदी ने चुनावी भाषण के दौरान मतदाताओं से हिंदू देवी-देवताओं और हिंदू पूजा स्थलों के साथ-साथ सिख पूजा स्थलों के नाम पर बीजेपी को वोट देने की अपील की। याचिका अनुसार प्रधानमंत्री मोदी ने 9 अप्रैल को पीलीभीत में चुनावी रैली में कहा था कि मैंने राम मंदिर का निर्माण कराया है, करतारपुर साहिब कॉरिडोर विकसित किया, गुरुद्वारों में परोसे जाने वाले लंगरों में इस्तेमाल होने वाली सामग्री से जीएसटी हटा दी और अफगानिस्तान से गुरु ग्रंथ साहिब की प्रतियाँ वापस लाई गयीं।


वकील जोंधले ने याचिका में तर्क दिया है  कि वोट हासिल करने के लिए जाती या किसी विशेष समुदाय की भावनाओं से  जुड़ी अपील नहीं की जा सकती। मंदिर, मस्जिद, चर्च या अन्य धार्मिक स्थलों का उपयोग वोट मांगने के लिए नहीं कर सकते। याचिकाकर्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने न केवल हिंदू और सिख पूजा स्थलों पर वोट मांगे, बल्कि विपक्ष के राजनीतिक दलों के खिलाफ मुसलमानों का पक्ष लेने वाली टिप्पणी भी की।



याचिकाकर्ता  के अनुसार पीएम मोदी ने नियम सामान्य आचरण- I(1) और (3) के तहत निर्देशों के संग्रह खंड- III में उल्लेखित आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है। चुनाव आचार संहिता के मुताबिक कोई भी पार्टी या उम्मीदवार किसी भी ऐसी गतिविधि में शामिल नहीं हो सकता जो मौजूदा मतभेदों को बढ़ा सकती है, आपसी नफरत पैदा कर सकती है, विभिन्न जातियों, समुदायों, धार्मिक और भाषाई लोगों के बीच तनाव पैदा कर सकती है।



चुनाव आयोग ने कोई करवाई नहीं की


याचिकाकर्ता  ने कहा है कि उन्होंने भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए के तहत प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और प्रधानमंत्री को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित करने की माँग को लेकर चुनाव आयोग से संपर्क किया था। याचिकाकर्ता ने कहा कि चुनाव आयोग की तरफ से इस मामले पर कोई करवाई नहीं हुई है।